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________________ पुरालेखीय एवं मुद्राशास्त्रीय स्रोत [ भाग 8 पृष्ठभाग : मीन के अंकन के चिह्न । चित्र ३०५,४ । (५) अग्रभाग : दाहिनी ओर गज और उसके सम्मुख दीपक तथा एक अन्य प्रतीक जो - अब अस्पष्ट हो गया है। पृष्ठभाग : रिक्त । चित्र ३०५, ५। (६) अग्रभाग : दाहिनी ओर गज और उसके सम्मुख दीपक और अंकुश। ऊपर कुंभ, अर्धचंद्र, श्रीवत्स, दर्पण और चक्र । पृष्ठभाग : रेखा-कोण-मीन । चित्र ३०६,१। (७) अग्रभाग : दाहिनी ओर गज और उसके ऊपर नंदिपद, दर्पण और चक्र । गज के __सम्मुख स्थानक-सहित दीपक । पृष्ठभाग : मीन, अंकन अस्पष्ट हो गया है। चित्र ३०६,२ । (८) अग्रभाग : दाहिनी ओर गज और उसके सम्मुख दीपक (स्थानक-सहित)। ऊपर नंदिपद (?) और चक्र । पृष्ठभाग : मीन । चित्र ३०६,३ । (६) अग्रभाग : गज और उसके सम्मुख दीपक । ऊपर मण्डल में स्वस्तिक, दर्पण, नंदिपद और मीन । पृष्ठभाग : मीन । चित्र ३०६,४। (१०) अग्रभाग : दाहिनी ओर गज और उसके सम्मुख दीपक । ऊपर स्वस्तिक, कंभ, नंदिपद और चक्र। पृष्ठभाग : मत्स्य के अंकन के चिह्न । चित्र ३०६,५। रंगाचारी वनजा नादपद नाद 476 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001960
Book TitleJain Kala evam Sthapatya Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmichandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1975
Total Pages400
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size24 MB
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