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________________ रेखा-चित्र मोहन-जो-दड़ो : सेलखड़ी में उकेरी मुद्रा (भा पु स) कंकाली टीला : ईट निर्मित स्तूप की रूपरेखा (स्मिथ के अनुसार) (भा पु स) उदयगिरि एवं खण्डगिरि : गुफाओं की रूपरेखा (भा पु स) उदयगिरि : पहाड़ी अधित्यका पर अर्धवृत्ताकार भवन की रूपरेखा (भा पु स) जूनागढ़ : बाबा प्यारा की गुफा, गुफा सं 'के' का प्रवेशद्वार (बर्जेस के अनुसार) (भा पुस) वाराणसी : अजितनाथ की मूर्ति का सिर (रा सं ल , 49,199 (रा संल) 114 116 8 मथुरा : पादपीठों पर अंकित सिंह, 1-4, कुषाणकालीन (रा सं ल, जे-20, जे-30, जे-34, जे-26); 5-6 गुप्तकालीन (रा सं ल, जे-118, जे 121) (रा सं ल). मथुरा : श्रीवत्स चिन्ह, 1-3 कुषाणकालीन (रा सं ल , जे-16, जे-36, जे-177); 4-6 गुप्तकालीन (रा संल, जे-188; पु सं म, बी-6, बी-7) (रा सं ल) देवगढ़ : मंदिरों की रूपरेखा (भा पु स) 121 9 184 मुखपृष्ठ चित्र पन्ना, मध्यप्रदेश : भगवान् महावीर, छठी शती ई० (नीरज जैन) (२४) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001958
Book TitleJain Kala evam Sthapatya Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmichandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1975
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size21 MB
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