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अध्याय 9]
दक्षिण भारत
दक्षिण अर्काट जिला
२७-तिरुनाथरकुरु (सिरुकदम्बुर) (पाँचवी शती ई.)-इस ग्राम की एक विशाल शिला पर चौबीस तीर्थंकरों की बहुत-सी मूर्तियाँ उत्कीर्ण हैं। लगभग पाँचवीं शती-संक्रमण-काल के दो परवर्ती ब्राह्मी अभिलेख हैं, जिनमें चन्दिरनन्दि और इलयपडारन नामक दो जैन प्राचार्यों की निषिधियों का उल्लेख है, जिन्होंने क्रमशः सत्तावन और तीस दिन का उपवास किया।
२८-सोलवन्दिपुरम् में जैन देवताओं की मूर्तियों सहित चट्टानों का एक अन्दिमलै नामक समूह है । कुछ प्रस्तर शय्याएँ हैं, पर उनपर कोई अभिलेख नहीं है।
चित्तूर जिला (आन्ध्र प्रदेश) प्राचीन तमिलनाडु के सुदूर उत्तरी भाग में (जो अब आन्ध्र प्रदेश का भाग बन गया है) कन्निकपुरम् और नगरी नामक स्थानों पर पंचपाण्डव शय्याओं सहित कूछ गुफाएँ हैं। इन स्थानों से कोई अभिलेख नहीं मिला है।
रं० चम्पकलक्ष्मी
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