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________________ सन्दर्भग्रन्थसूची २०५ ८१. श्वेताश्वतरोपनिषद् : हरिनारायण आप्टे, आनन्द आश्रम मुद्रणालय, पूणा, १९०५. ८२. षड्दर्शनसमुच्चय : संपा० डॉ० महेन्द्रकुमार जैन, न्यायाचार्य भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, प्रथम, १९७० ८३. संयुत्त निकाय : संपा० भिक्खू जगदीश कश्यप, बिहार राज्य पाली प्रकाशन मण्डल, नालन्दा (बिहार), १९५९. ८४. सन्मतितर्क-प्रकरणम् : पं० सुखलाल संघवी, पं० बेचरदास दोशी, गुजरात पुरातत्त्व मन्दिर, अहमदाबाद, संवत्. १९८०. ८५. सन्मति प्रकरण : सिद्धसेन दिवाकर, सं० सुखलाल संघवी, ज्ञानोदय ट्रस्ट, अहमदाबाद, १९६३. ८६. सभाष्य तत्वार्थाधिगमसूत्रम् : अनु० पं० खूबचन्दजी सिद्धान्तशास्त्री, श्री परमश्रुत प्रभावक जैन मण्डल, अगास, १९३२. ८७. समवायांगसूत्र : संपा० श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर' श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्याबर (राजस्थान) १९८२. ८८. सर्वदर्शन संग्रह : भाष्यकार-डॉ० उमाशंकर 'ऋषि' चौखम्भा विद्याभवन, वाराणसी, १९८४. ८९. सर्वार्थसिद्धि : संपा० पं० फूलचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, काशी, १९५५. ९०. सांख्यावृत्ति : संपा० पं० ढुण्डिराजशास्त्री, चौखम्बा, संस्कृत सीरिज, बनारस, १९८५. ९१. सांख्यसूत्र : संपा० स्वामी द्वारिकादास शास्त्री, सुधी प्रकाशनम्, वाराणसी, १९८७. ९२. सिद्धिविनिश्चय टीका : भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्रथम, १९५१. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001955
Book TitleDvadashar Naychakra ka Darshanik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitendra B Shah
PublisherShrutratnakar Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Epistemology
File Size11 MB
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