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________________ ( ६ ) प्रकाशनों में देरी के दो कारण : १. प्रेसों में बिजली की कटौती । श्रमिक आन्दोलन । प्राकृत भाषा के कम्पोज की कठिनाइयां आदि । २. मुनिश्री का प्रतिकूल स्वास्थ्य । इन कारणों से आपकी उत्सुकता के अनुरूप प्रकाशन प्रेषित करने में हम असमर्थ हैं । अतः क्षमाप्रार्थी हैं। कार्य के अनुरूप धैर्य आवश्यक है : अनुयोगों के संकलन एवं वर्गीकरण का कार्य कितना कठिन है। पाठकों को यह समझाना भी मेरे लिए बड़ा कठिन है । क्योंकि यह अनुभव का विषय है । समस्त जैनागमों में से प्रत्येक अनुयोग के सूत्रों का संकलन करना तथा उनका वर्गीकरण करना श्रमसाध्य कार्य है। साथ ही"धेयांसि ग्रह विघ्नानि" अच्छे कार्यों में अनेक विघ्न आते हैं। फिर भी श्रद्धा एवं धैर्यपूर्वक मुनिवी इस कार्य में लगे हुए हैं। आशा है पाठक वर्ग की ज्ञान-पिपासा एक न एक दिन अवश्य परिपूर्ण होगी । अन्त में इस महान् ज्ञान यज्ञ में जिन्होंने श्रद्धा समन्धित संविभाग किया है उन सबका हृदय से आभारी हूँ । Jain Education International स्वाध्यायियों के लिए अनमोल अवसर अनुयोग प्रवर्तक पं. रत्न मुनि कन्हैयालालजी म. 'आम' के सान्निध्य में आयोजित गणितानुयोग -- जैनागमों में वर्णित भूगोल खगोल का वर्णन । द्रव्यानुयोग - जैनागमों में वर्णित कर्म, लेश्या, जीव, अजीव का वर्गीकृत वर्णन । चरणानुयोग जैनागमों में वर्णित श्रावक एवं साधु का अचार पांच समिति आदि का वर्णन । धर्मकयानुयोग जैनागमों में वर्णित धर्मकथाओं का वर्गीकृत संकलन । मूल एवं हिन्दी अनुवाद | मूल एवं गुजराती अनुवाद | विनीत, बलदेवभाई डोसाभाई पटेल अध्यक्ष आगम अनुयोग ट्रस्ट अहमदाबाद चारों अनुयोगों का सेट प्राप्त करने हेतु ५००/- पाँचसौ रुपये प्रदानकर अग्रिम ग्राहक अवश्य बनिये । For Private & Personal Use Only मन्त्री, आगम अनुयोग ट्रष्ट www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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