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અજીવ દ્રવ્ય-અધ્યયન
७.
१.
फासओ - १. कक्खडफासपरिणया वि,
२. मउयफासपरिणया वि,
३. गरूयफासपरिणया वि,
४. लहुयफासपरिणया वि,
५. सीयफासपरिणया वि,
६. उसिणफासपरिणया वि,
७. निद्धफासपरिणया वि,
८. लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ- १. परिमंडलसंठाणपरिणया वि,
२. वट्टसंठाणपरिणया वि,
३. तंससंठाणपरिणया वि,
४. चउरंससंठाणपरिणया वि,
५. आयतसंठाणपरिणया वि ।
- पण्ण. प. १, सु. १० (१-२)
रस परिणयाणं सय भेया
१. जे रसओ तित्तरसपरिणया
ते वण्णओ - १. कालवण्णपरिणया वि,
२. णीलवण्णपरिणया वि,
३. लोहियवण्णपरिणया वि
४. हालिद्दवण्णपरिणया वि, ५. सुक्किलवण्णपरिणया वि । गंधओ- १. सुब्भिगंधपरिणया वि, २. दुब्भिगंधपरिणया वि । फासओ-१. कक्खडफासपरिणया वि
२. मउयफासपरिणया वि,
३. गरूयफासपरिणया वि,
४. लहुयफासपरिणया वि,
सीयफासपरिणया वि,
५.
६. उसिणफासपरिणया वि,
७. निद्धफासपरिणया वि,
८. लुक्खफासपरिणया वि । ठाणओ - १.
परिमंडलसंठाणपरिणया वि,
२. वट्टसंठाणपरिणया वि,
३. तंससंठाणपरिणया वि,
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गंधओ जे भवे दुब्भी, भइए से उ वण्णओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥
७.
તેઓ સ્પર્શથી - १. ईश स्पर्श - परिक्षत पए छे,
२. मृहुस्पर्श - परित पड़ा छे, 3. गुरुस्पर्श- परिएशत भए। छे, ४. लघुस्पर्श - परिक्षत या छे, 4. शीतस्पर्श - परिक्षत पाछे,
5. उष्णस्पर्श - परिक्षत पड़ा छे,
७. स्निग्धस्पर्श - परित पड़ा छे,
८. रुक्षस्पर्श - परिशत भए छे.
तेस्रो संस्थानथी - १. परिमंडण संस्थान - परिशतया छे,
२. वृत्तसंस्थान - परिक्षत पा छे,
3. त्र्यस्त्रसंस्थान - परिात पा छे, ४. यतुरस्त्रसंस्थान - परिषत पए छे, 4. आायतसंस्थान - परिक्षत पए। छे.
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રસપરિણતાદિના સો ભેદ :
१. ४ रसथी तिउतरस - परिशत होय छे - तेस्रो वर्शथी - १. द्रृष्णवर्श- परिशत पा छे,
२. नीसवर्श - परिषत पए। छे,
उ. २तवर्ण- परिक्षत पए। छे,
४. पीतवर्श- परिशत पए। छे, पशुसवर्श- परिशत पा छे. तेस्रो गंधथी - १. सुगंध- परिगत पाए छे, २. हुर्गंध - परिक्षत या छे.
तेस्रो स्पर्शथी - १. ईश स्पर्श परिक्षत पाछे,
२. मृहुस्पर्श - परिक्षत पाछे,
3. गुरुस्पर्श - परिक्षत भए। छे, ४. लघुस्पर्श - परिक्षत पा छे, 4. शीतस्पर्श परिक्षत पड़ा छे,
५. उष्णस्पर्श - परिात पा छे, ७. स्निग्धस्पर्श - परिशत पए छे,
८. रुक्षस्पर्श - परिएात पए। छे.
तेस्रो संस्थानथी - १. परिमंडण संस्थान - परित पड़ा छे,
२. वृत्त संस्थान - परिक्षत पाछे,
3. व्यस्त्रसंस्थान - परिक्षत पाछे,
- उत्त. अ. ३६, गा. २८
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