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દ્રવ્યાનુયોગ ભાગ-૪
६. उसिणफासपरिणया, ७. निद्धफासपरिणया, ८. लुक्खफासपरिणया। जे संठाणपरिणया ते पंचविहा पण्णत्ता. तं जहा
१. परिमंडलसंठाणपरिणया, २. वट्टसंठाणपरिणया, ३. तंससंठाणपरिणया, ४. चउरंससंठाणपरिणया, ५. आयतसंठाणपरिणया। -पण्ण. प. १, सु. ७-८ वण्णपरिणयाणं सय भेया१. जे वण्णओ कालवण्णपरिणयाते गंधओ-१. सुब्भिगंधपरिणया वि, २. दुब्भिगंधपरिणया वि। रसओ- १. तित्तरसपरिणया वि, २. कडुयरसपरिणया वि, ३. कसायरसपरिणया वि, ४. अंबिलरसपरिणया वि, ५. महुररसपरिणया वि। प. (क) से किं तं फासनामे ? उ. फासनामे अट्ठविहे पण्णत्ते, तं जहा
१. कक्खडफासनामे -जाव-८. लुक्खफासनामे ।
से तं फासनामे। - अणु. कालदारे, सु. २२३ प. (ख) से किं तं फासगुणप्पमाणे? उ. फासगुणप्पमाणे अट्ठविहे पण्णत्ते, तं जहा
१. कक्खडफासगुणप्पमाणे -जाव- ८. लुक्खफासगुणप्पमाणे। से तं फासगुणपमाणे। - अणु. कालदारे, सु. ४३३ (ग) फासओ परिणया जे उ अट्टहा ते पकित्तिया। १. कक्खडा, २. मउया चेव, ३. गरूया, ४. लहुया तहा। १.सीया, ५. उण्हा य, ६. निद्धा य, तहा ७. लुक्खा य आहिया। इह फासपरिणया एए, पुग्गला समुदाहिया ।
- उत्त. अ. ३६, गा. १९-२० (घ) जीवा. पडि. १, सु. ५ (ङ) विया. स. ८, उ. १, सु. ४८
5. Gस्पर्शन। ३५मा परित, ૭. સ્નિગ્ધસ્પર્શના રૂપમાં પરિણત, ८. २१स्पर्शन। ३५मा ५२४ात. જે સંસ્થાન પરિણત છે, તેઓ પાંચ પ્રકારના કહેવામાં साव्या छ,४भ3 - ૧. પરિમંડળ સંસ્થાનના રૂપમાં પરિણત, २. वृत्त (यूडी)न। संस्थानान। ३५मा परिणत, 3. नि. संस्थानना ३५मा ५२ात, ૪. ચતુષ્કોણ સંસ્થાનના રૂપમાં પરિણત, ५. मायत (संजयोरस) संस्थानना ३५मा परि९त. વર્ણ પરિણતાદિના સો ભેદ - ૧. જે વર્ષથી કાળા વર્ણના રૂપમાં પરિણત છે - तेसो गन्यथी - १. सुरभिगंध - परित ५। छ, २. मिगंध - परित ५९॥ छ. तमो रसथा - १. तापारस - परित पाछे, २. 33वारस- ५२४ात ५९॥ छ, 3. पाय२४ - ५२ त ५९॥ छ, ४. मर२स - परित ५९॥ छ, ५. मधु२२स- परित ५९॥ छ.
(च) विया. स. ८, उ. १, सु. ७८ प. (क) से किं तं संठाणनामे ? उ. संठाणनामे पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा
१. परिमंडलसंठाणनामे -जाव-५. आयतसंठाणनामे।
से तं संठाणनामे। - अणु. कालदारे, सु. २२४ प. (ख) से किं तं संठाणगुणप्पमाणे ? उ. संठाणगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा
१.परिमंडलसंठाणगुणप्पमाणे-जाव-५. आयतसंठाणगुणप्पमाणे। से ते संठाणगुणप्पमाणे । से तं अजीवगुणप्पमाणे।
- अणु. कालदारे, सु. ४३४ (ग) संठाणपरिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया। १. परिमंडला य, २. बट्टा, ३. तंसा, ४-५. चउरंस-. मायया ॥
- उत्त. अ. ३६, गा. २१ (घ) जीवा. पडि. १, सु. ५ (ङ) विया. स. ८, उ. १, सु. ४८ (च) विया. स. ८, उ. १, सु. ७९
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