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________________ ग्रंथिभूत व पूयनिभवीर्यचिकित्सा ६३९ विधि व क्षीणशुक्रकी चिकित्सा ६४० पित्तादिदोषजन्यार्तव रोग ६४० ६४० ६४० ६४१ ६४१ ऋतुकाल व सद्योगृहीतगर्भलक्षण ६४१ शुद्रशुक्रका लक्षण शुद्धार्तवका लक्षण स्त्री-पुरुष नपुंसककी उत्पत्ति गर्भाधानविधि 35 गर्भिणीचर्या ६४२ निकटप्रसवा के लक्षण और प्रसवविधि ६४३ जन्मोत्तरविधि ६४३ अनंतर विधि अपरापतन के उपाय सूतिकोपचार मार्कल [ मक्कल ] शूल और उसकी चिकित्सा उत्तरवस्तिका विशेषगुण धूम, कवलग्रह, नम्यविधिवर्णन प्रतिज्ञा और धूमभेद स्नेहन धूमलक्षण प्रायोगिक, वैरेचनिक, कासन धूमलक्षण धूमपानकी नलीको लम्बाई धूननलीके छिद्रप्रमाण व धूम पानविधि धूम निर्गमनविधि धूमपान के अयोग्यमनुष्य धूम सेवनका काल धूमसेनका गुण योगायोग तिरोग ( XXXVI ) Jain Education International ६४४ ६४४ ६४४ ६४५ ६४५ ६४५ ६४५ ६४६ ६४६ ६४६ ६४७ ६४७ ६४७ ६४८ ६४८ धूमके अतियोगजन्य उपद्रव धूमपान के काल गंडूष व कवलग्रवर्णन गंडूषधारणविधि गंडूषधारणका काल गंडूषधारणको विशेषविधि high का प्रमाण और कवलविधि ६५१ नस्यवर्णनप्रतिज्ञा व नस्य के दो भेद ६५१ स्नेहनस्यका उपयोग ६५१ विरेचननस्य का उपयोग व काल ६५२ स्नेहननस्य की विधि व मात्रा ६५२ प्रतिमर्शनस्य ६५३ प्रतिमर्शनस्य के नौकाल व उसके फल६५३ प्रतिमर्शका प्रमाण ६५४ ६५४ प्रतिमर्शनस्यका गुण शिरोविरेचन ( विरेचननस्य ) का वर्णन ६५४ ६५५ ६५५ शिरोविरेचनके सम्यग्योग का लक्षण ६५६ ६५६ ६५६ ६५७ ६५७ ६५७ ६५८ विदग्वशोधलक्षण ६५८ पक्कशोथलक्षण ६५९ कफजन्यशोध के विशिष्टपकलक्षण ६५९ शिरोविरेचनद्रवकी मात्रा मात्रा के विषय में विशेषकथन ६४९ ६४९ ६४९ ६५० ६५० ६५० प्रधमननस्यका यंत्र योगातियोगादि विचार व्रणशोधवर्णन व्रणशोथका स्वरूपभेद शोधों के लक्षण शोधकी आमावस्थाके लक्षण For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001938
Book TitleKalyankarak
Original Sutra AuthorUgradityacharya
AuthorVardhaman Parshwanath Shastri
PublisherGovind Raoji Doshi Solapur
Publication Year1940
Total Pages908
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ayurveda, L000, & L030
File Size18 MB
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