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________________ २७९ २७९ २७९ २८० (XV) mar कन्या व स्त्रीयोग्यनेत्रलक्षण २६९ भगंदरमें अपथ्य २७७ द्रवप्रमाण अश्मरी आदिके उपसंहार .२७७ उत्तरबस्तीके पूर्वपश्चाद्विधेयविधि २६९ वृद्धि उपदंश आदिक वर्णनकी उतरवस्त्यर्थ उपवेशनविधि २७० प्रतिज्ञा २७८ अगारधूमादिवति । २७० सप्तप्रकारकी वृषणवृद्धि २७८ उत्तरबारतका उपसंहार २७० वृद्धि संप्राप्ति वात, पित्त, रक्तज वृद्विलक्षण २७८ भगंदररांगाधिकारः २७१ कफ, मेदजवृद्धिलक्षण २७८ भगंदरवर्णनप्रतिज्ञा २७१ मूत्राजवृद्धिलक्षण भगंदरका भेद अंत्रजवृद्धिलक्षण शतयोनक व उष्ट्रगटलक्षण २७१ सर्ववृद्धि में वर्जनीयकार्य परिस्रावि व कंबुकावर्तलक्षण २७१ वातवृद्धिचिकित्सा २७९ उन्मार्गिभगंदरलक्षण २७२ स्वेदन, लेपन, बन्धन व दहन २८० भगदरकी व्युत्पत्ति व साध्यासाप पित्तरक्तजवृद्धिचिकित्सा विचार २५२ कफजवृद्धिचिकित्सा २८० भगंदरचिकित्सा २७२ मेदजवृद्धिचिकित्सा २८० चिकित्सा उपेक्षासे हानि २७२ मूत्राजवृद्धिचिकित्सा २८१ भगंदरका अपाध्यलक्षण २७३ अंत्रवृद्धिचिकित्सा भगंदरकी अंतर्मुखबहिर्मुखपरीक्षा २७३ अंडवृद्धिघ्नलेप भगंदरयंत्रा २७३ अंडवृद्धिध्नकल्क भगंदरमें शस्त्राग्निक्षारप्रयोग २७३ सुवचिंकादिचूर्ण २८२ भगंदरछेदनक्रम उपदंशशूकरोगवर्णन प्रतिज्ञा बृहत्वणका दोष व उसका निषेध २७४ अन्तिमकथन २८२ स्वेदन २७५ चतुर्दशपरिच्छेदः भगंदरघ्न उपनाह २७५ उपदंशाधिकारः शल्पजभनंदरचिकित्सा मंगलाचरण व प्रतिज्ञा शोधनरोपण २८३ २७६ उपदंशचिकित्सा भगंदरग्नतेल व घृत दो प्रकारका शोथ २८३ उपरोक्त तेल धृतका विशेषगुण २७७ उपदंशका असाध्यलक्षण २८४ हरीतक्यादिचूर्ण २७७ । दंतोद्भव उपदंशचिकित्सा ० २८१ २८१ २८१ २७४ २८२ २८३ २७६ २८३ २८४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001938
Book TitleKalyankarak
Original Sutra AuthorUgradityacharya
AuthorVardhaman Parshwanath Shastri
PublisherGovind Raoji Doshi Solapur
Publication Year1940
Total Pages908
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ayurveda, L000, & L030
File Size18 MB
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