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सप्ततिका
मिश्ररुचौ बन्धस्थानेऽष्टाविंशतिक-नवविंशतिके द्वे २८।२१ । सत्त्वस्थाने द्वे नवतिक-द्वानवतिके १२॥ १० भवतः । उदयस्थानानि एकोनत्रिंशत्केकत्रिंशत्कानि त्रीणि २६।३०।३१ ॥४६५॥
मिश्र अर्थात् सम्यग्मिथ्यात्वमें अट्ठाईस, उनतीसप्रकृतिक दो बन्धस्थान; बानबै और और नब्बैप्रकृतिक दो सत्तास्थान; तथा उनतीस, तीस और इकतीसप्रकृतिक तीन उदयस्थान होते हैं ॥४६५॥
मिश्रमें २८ और २६ ये दो बन्धस्थान; २६, ३०, ३१ ये तीन उदयस्थान; तथा ६२ और ६० ये दो सत्तास्थान होते हैं।
तीसंता छब्बंधा उवरिम दो वजिदूण णव उदया ।
मिच्छे पढमा संता तेणउदि वजिऊण छच्चेव ॥४६६॥ मिच्छे बंधा ६–२३।२५।२६।२८।२६।३०। उदया ६-२१।२४।२५।२६।२७।२८।२६।३०।३१। संता ६-६२।११।६०1८८1८४८२।
मिथ्यारुचौ बन्धस्थानानि त्रयोविंशतिकादित्रिंशत्कान्तानि षट् २३।२५।२६।२८।२६।३०। उदयस्थानानि उपरिम-नवकाष्टकस्थानद्वयं वर्जयित्वा अन्यानि नवोदयस्थानानि २१॥२४।२५।२६।२७।२८।२६। ३०॥३१ । त्रिनवतिकं वर्जयित्वा आदिमसत्त्वस्थानानि पट १२।११1१०1८८८४८२ ॥४६६॥
इति सम्यक्त्वमार्गणा समाप्ता। . मिथ्यात्वमें तीसप्रकृतिक स्थान तकके छह बन्धस्थान; उपरिम दो को छोड़कर शेष नौ उदयस्थान; तथा तेरानबैको छोड़कर. प्रारम्भके छह सत्तास्थान होते हैं ॥४६६।।
मिथ्यात्वमें २३, २५, २६, २८, २६, ३० ये छह बन्धस्थान; २१, २४, २५, २६, २७, २८, २६, ३०, ३१ ये नौ उदयस्थान; तथा ६२, ६१,६०,८८, ८४ और ८२ ये छह सत्तास्थान होते हैं।
सणिम्मि सव्वबंधा उवरिम दो वजिऊण संता दु । चउवीसं दो उवरिं वजित्ता होंति उदया य ॥४६७॥
सणीसु बंधाम-२३।२५।२६।२८।२६।३०।३१११। उदया ८-२११२५/२६।२७।२८।२६।३०३१ संता ११-१३।१२18 11801८८1८४८२१८०1७६७८७७॥
संज्ञिमार्गणायां संज्ञिजीवे बन्धस्थानानि सर्वाण्यष्टौ २३१२५।२६।२८।२१।३०।३.१ । उपरिमदशक-नवकस्थानद्वयं वर्जयित्वा अन्यसर्वाण्येकादश सत्त्वस्थानानि १३।१२।१ 11801८८1८४८२१८०।७१। ७८१७७ । चतुर्विशतिकं उपरिमनवकाष्ट कस्थानद्वयं च वर्जयित्वा उदयस्थानान्यष्टौ २१।२५।२६।२७। २८।२६।३०।३१ । संज्ञिनि भवन्ति ॥४६७॥
संज्ञिमार्गणाकी अपेक्षा संज्ञी जीवों में सर्व बन्धस्थान होते हैं। उपरिम दोको छोड़कर शेष ग्यारह सत्तास्थान; तथा चौबीस और उपरिम दोको छोड़कर शेष आठ उदयस्थान होते हैं ॥४६७॥
संज्ञियोंमें २३, २५, २६, २८, २९, ३०, ३१, १ ये आठ बन्धस्थान; २१, २५, २६, २७, २८, २९, ३०, ३१ ये आठ उदयस्थान और ६३, ६२, ६१,६०,८८,८४, ८२, ८०, ७६, ७८, ७७ ये ग्यारह सत्तास्थान होते हैं।
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