SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 257
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पञ्चसंग्रह वेदका ही बन्ध होता है। देशविरत गुणस्थानमें द्वितीय चतुष्क अर्थात् अप्रत्याख्यानावरण चौकड़ीके विना शेष तेरह प्रकृतियोंका बन्ध होता है। छठे, सातवें और आठवें गुणस्थानमें तृतीय चतुष्क अर्थात् प्रत्याख्यानावरण चौकड़ीके विना नौ प्रकृतियोंका बन्ध होता है ॥२४६।। मित्याजिया १० । वाया नया मंगा देव १२ । वाया । मिस्सासंजयाणं १७ । पस्थायारो जहा . । भंगा २ । देसे १३ । पत्थायारा ... २२ २२ भंगा २ । पमत्ते । पत्थायारो। भंगा २। मिश्राऽसंयतयोः प्रस्तारौ यथा हास्यारतिद्विकजौ द्वौ द्वौ भडौ १७ ५७ देशसंयते १३ प्रस्तार: . तद्भङ्गौ द्विकद्वयजौ [ द्वौ ] '३ । प्रमत्ते : प्रस्तार: २२ तदभनौ द्विकजौ ६, मिश्र और अविरत गुणस्थानमें सत्तरह-सत्तरह प्रकृतियोंका बन्ध होता है। इनके प्रस्तारकी रचना मूलमें दी है । यहाँपर हास्यादि दो युगलोंकी अपेक्षा भंग दो-दो ही होते हैं । देशविरत गुणस्थानमें तेरह प्रकृतियोंका बन्ध होता है। प्रस्तारकी रचना मूलमें दी है । भंग पूर्ववत् दो ही होते हैं । प्रमत्तविरतमें नौ प्रकृतियोंका बन्ध होता है। प्रस्तारकी रचना मूलमें दी है । यहाँ पर भी भंग दो ही होते हैं। 'अरई सोएणूणा परम्मि पुंवेय संजलणा । एगेणूणा एवं दह हाणा मोहबंधम्मि ॥२५०॥ प्रमत्तेऽरति-शोकद्वयबन्धविच्छिन्नत्वादप्रमत्तापूर्वकरणयोः अरतिशोकोनाः । एवं सति संख्यामध्ये भेदो न, संख्या तावन्मात्रा । किन्तु भङ्ग एक एव । परस्मिन् अनिवृत्तिकरणस्य पञ्चसु भागेषु पुंवेदसंज्वलनक्रोध-मान-माया-लोभानां मध्ये क्रमेणझोनाः। एवं मोहबन्धे दश स्थानानि ॥२५०॥ प्रमत्तविरतमें अरति और शोक युगलकी बन्धव्युच्छित्ति हो जानेसे सातवें और आठवें गुणस्थानमें उनका बन्ध नहीं होता, अतएव उनमें एक-एक ही भंग होता है। इससे परे नवें गुणस्थानमें पुरुषवेद और संज्वलनचतुष्क, इन पाँचका बन्ध होता है, तथा पुरुषवेद आदि एक 1. सं० पञ्चसं० ४, १२१-१२२ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001937
Book TitlePanchsangrah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages872
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy