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[ मुहूर्तराज
ऊपर की सारणी में जो “विशेष वर्जित पलें" शीर्षक में फल दर्शाया गया है उसे दिनशुद्धि के अनुसार कहा है
“सोल १६ ८ दसण ३२ दुग २ इग १ चउ ४ चउसठी ६४ अद्ध पहर मज्झपला। जत्ताइसु (यात्रादि में) अइअहमा पुव्वाई छठ छठ दिसिं॥”
___ अर्थात् उक्त प्रहराक़ की (रविवार से क्रमश: १६, ८, ३२, २, १, ४ और ६४ पलें क्रमश: पूर्व दिशा, वायव्यकोण, दक्षिण दिशा, ईशान कोण, पश्चिम दिशा, अग्नि कोण और उत्तर दिशा में यात्रादि में त्यागनी चाहिये। वारों में छायालग्न ज्ञान (आरं. सि.)
सिद्धच्छाया क्रमादर्कादिषु सिद्धप्रदा पदैः।
रुद्र ११ सार्धाष्ट ८॥ नन्दा ९ ष्ट ८ सप्तभि ७ चन्द्र वद्वयोः॥ अन्वय - अर्कादिषु क्रमात् रुद्रसार्धाष्ट नन्दाष्ट सप्तमिः द्वयोः (शुक्रशनिवारयोः) (सार्धाष्ट पदैः) पदैः सिद्धच्छाया भवति या (सिद्धि प्रदत्वात्) सिद्धिप्रदा (कथ्यते)
अर्थ - सूर्यादिवारों में क्रमश: पुरुष छाया उसी पुरुष के ११-८॥९-८-७-८॥८॥ पद प्रमाण की सिद्धछाया कहलाती है, जो कि सर्वकार्य साधने वाली होने के कारण सिद्धच्छाया कही जाती है।
पुरुष की छाया के बदले यदि उस पुरुष के सप्तांगुल प्रमाण के शंकु की छाया का मान करना हो तो वह उपर्युक्त पदों के पदले उसी पुरुष के अंगुलों से करना चाहिये। यदि सप्तांगुल शंकु के स्थान पर १२ अंगुल प्रमाण शंकु काम में लिया जाय तो उस शंकु की छाया का मान क्रमश: रविवारादि दिनों में २०-१६-१५-१४-१३-१२ और १२ अंगुल का है। जैसा कि नरपति जय चर्या में दर्शाया है- इयं च पुंसः पद रूपा श्लोके पदैः इति वचनान् सप्तांगुल प्रमाणशंकोस्तु इयं छाया अंगुलप्रमाणा ग्राह्या द्वादशांगुल शंकोस्त्वेवम्-बीसं २० सोलस १६ पनरस १५ चउदस १४ तेरस १३ य बार १२ बारे व १२ रविमाइसु बारंगुल संकुच्छायंगुला सिद्धा। इसे भली-भाँति निम्नांकित सारणी में स्पष्ट किया जाता है
॥ रवि आदि वारों सिद्धच्छाया ज्ञापक सारणी ॥
क्र.सं.
वार नाम | रवि सोम मंगल
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पुरुष छाया प्रमाण | पुरुष के ११ पद प्रमाण पुरुष के ८॥ साढ़े आठ पुरुष के ९ पद प्रमाण पुरुष के ८ पद प्रमाण पुरुष के ७ पद प्रमाण पुरुष के ८॥ साढ़े आठ पुरुष के ८॥ साढ़े आठ
सप्तांगुल शंकुछाया प्रमाण द्वादशांगुल शंकु छाया प्रमाण पुरुष के ११ अंगुल प्रमाण
पुरुष के अंगुल प्रमाण २० पुरुष के साढ़े आठ अंगुल प्रमाण पुरुष के अंगुल प्रमाण १६ पुरुष के ९ अंगुल प्रमाण
पुरुष के अंगुल प्रमाण १५ पुरुष के ८ अंगुल प्रमाण
पुरुष के अंगुल प्रमाण १४ पुरुष के ७ अंगुल प्रमाण
पुरुष के अंगुल प्रमाण १३ पुरुष के ८॥ साढ़े आठ अंगुल प्रमाण| पुरुष के अंगुल प्रमाण १२ पुरुष के ८॥ साढ़े आठ अंगुल प्रमाण| पुरुष के अंगुल प्रमाण १२
बुध
गुरु
शुक्र शनि
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