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३७६ ]
[ मुहूर्तराज
॥ अथ अङ्गानुसार पल्ली (छिपकली) पतन विचार चक्र॥
स्थान
फल
स्थान
फल
स्थान
फल
मस्तक
राज्यलाभ
भौहों के बीच
राज्य सम्बन्धी
निचले ओंठ
ऐश्वर्य प्राप्ति
नाक के ऊपर
व्याधिपीडा
बायां कान
अधिक लाभ
दाहिनी भुजा
राज सम्मान
बायीं भुजा
राजभय
स्तनों पर
दौर्भाग्य
पीठ पर
बुद्धिनाश
दोनों घुटने
शुभ प्राप्ति
हाथों पर
वस्त्रलाभ
नासिका
बहुधन
कमर
अश्व लाभ
बायें पहुँचे पर
कीर्तिनाश
मुख पर
मिष्ठात्रभोग
टखनों पर
बन्धन
दाहिने पैर पर
यात्रा
पैरों के बीच
स्त्री नाश
ललाट
बन्धुदर्शन
ऊपरी ओंठ पर
धननाश
पैरों के छोर पर
मृत्यु
दाहिना कान
आयुर्वृद्धि
नेत्रों पर
धनलाभ
कण्ठ
पर
शत्रुनाश
पेट पर
भूमि लाभ
जांघों पर
शुभ
कंधों पर
विजय
मनस्ताप
दक्षिण पहुँचे पर
हृदय पर
धनलाभ
धननाश
केशों पर
निश्चित मृत्यु
बायें पैर पर
नाश
(बाल बो.ज्यो.सा.स.से)
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