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३५० ]
[ मुहूर्तराज साधक अक्षर - लि, ली, लु लू, ले, ले, लो, लौ (ले, ले, लो, लौ, ३-६-२२ भवेध)।
साध्यजिन
|
तारा
। योनि
वर्ग
विंशोपक
गण
राशि | नाडी
स्वकीय
हस्ती
मनुष्य
साध्यनाम
देय
मेष कन्या
मध्य मध्यवेध
विरुद्ध
४, ६, ८
सिंह
राक्षस
|
शुभ
अशुभ
अशुभ शुभ
भवेध
|शुभ
| शुभ
मध्यम मध्यम अशुभ अशुभ अशुभ मध्यम
| शत्रु
।
अशुभ
कुवैर
प्रीति
वेध
अशुभ
शुभ
मध्यम
श्रेष्ठ
श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी
धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी श्री पार्श्वनाथजी श्री महावीरस्वामीजी
अशुभ अशुभ अशुभ
स्व
अशुभ | शुभ
श्रेष्ठ वेध मध्यम | श्रेष्ठ मध्यम |श्रेष्ठतर | वेध
मैत्री
अशुभ
मध्यम
अशुभ
| अशुभ
१८
मैत्री
मध्यम
m
०
मध्यम
अशुभ
०
मध्यम
मध्यम
०
भवेध
०
अशुभ अशुभ
०
सम शत्रु
२४
०
श्री
न
स्व
पति
वश्य
युजि
राशि मेष
एकनाथ वृश्चिक
वर्ण क्षत्रिय
नक्षत्र भरणी | पूर्व
मंगल
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