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________________ [ मुहूर्तराज ३३८ ] साधक अक्षर - बे, बै, बो, बौ। साध्यजिन तारा योनि वर्ग विंशोपक गण राशि नाडी सर्प देव मध्य साध्यनाम स्वकीय विरुद्ध लभ्य ७, ९, नकुल राक्षस | धन मध्यवेध कुवर मध्यम मैत्री मध्यम अशुभ श्रेष्ठ अशुभ प्रीति अशुभ मध्यम स्व शुभ । श्रेष्ठतर वैर श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी |श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी |श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी |श्री विमलनाथजी |श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी |श्री मल्लिनाथजी |श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी श्री पार्श्वनाथजी श्री महावीरस्वामीजी मध्यम |शुभ । अशुभ स्व E अशुभ कुवैर अशुभ अशुभ शुभ अशुभ वेध अशुभ मध्यम शुभ राशि पति वर्ण वश्य नक्षत्र युजि एकनाथ तुला वृषभ वैश्य मेष मृगशीर्ष Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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