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________________ ३३२] [ मुहूर्तराज साधक अक्षर - नो, नौ साध्यजिन तारा योनि | वर्ग विंशोपक | गण राशि | नाडी साध्यनाम स्वकीय विरुद्ध हरिण श्वान लभ्य राक्षस |वृश्चिक आद्य देव, मनुष्य मिथुन | आद्यवेध २, ४, ६ अशुभ कुवर कुवैर अशुभ अशुभ वै शत्र |भवेध श्रेष्ठतर शुभ अशुभ अशुभ अशुभ अशुभ १ श्री ऋषभदेवजी २ श्री अजितनाथजी ३ श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी ५ श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी १२ श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी १४ श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी |श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी |श्री नमिनाथजी २२ श्री नेमिनाथजी २३ श्री पार्श्वनाथजी २४ श्री महावीरस्वामीजी अशुभ !!!!!!!!!!!!!!!!!!! अशुभ मध्यम प्रीति वेध अशुभ शुभ अशुभ अशुभ |शुभ |भवेध एकनाथ वर्ण राशि वृश्चि पति मंगल वश्य सिंह मेष ब्राह्मण ज्येष्ठा | पश्चिम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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