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________________ ३३० ] [ मुहूर्तराज साधक अक्षर - ध १० साध्यजिन | तारा योनि | वर्ग विंशोपक गण राशि नाडी वानर - साध्यनाम स्वकीय विरुद्ध मनुष्य राक्षस |वृषभ मध्य मध्यवेध ४,६,८ मेष | स्व P अशुभ मध्यम वेध मि मध्यम अशुभ अशुभ अशुभ मध्यम अशुभ अशुभ स्व मध्यम अशुभ श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी | श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी | श्री शान्तिनाथजी | श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी | श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी |श्री पार्श्वनाथजी २४ श्री महावीरस्वामीजी अशुभ अशुभ अशुभ |शुभ अशुभ स्व स्व मध्यम श्रेष्ठतर | वेध |श्रेष्ठतर अशुभ मध्यम प्रीति मध्यम शुभ अशुभ मध्यम शत्रु श्रेष्ठतर मध्यम | अशुभ | मैत्री अशुभ मध्यम मध्यम अशुभ अशुभ | श्रेष्ठ २२ वेध शुभ २३ श्रेष्ठ - पति एकनाथ वर्ण क्षत्रिय वश्य सर्वे नक्षत्र पू.षा. युजि पश्चिम गुरु मीन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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