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________________ ३२२ ] [ मुहूर्तराज साधक अक्षर - त, ता नं. ] साध्यजिन तारा योनि वर्ग विंशोपक गण | राशि | नाडी स्वकीय तला साध्यनाम महिष अश्व देव राक्षस अन्त्य अन्त्यवेध विरुद्ध ८,९,३ मीन अशुभ मध्यम कुवर कुवर मध्यम प्रीति कुवैर अशुभ 1 अशभ अशुभ अशुभ शम मध्यम श्रेष्ठतर | वेध श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी | श्री सुविधिनाथजी | श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी | श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी श्री पार्श्वनाथजी श्री महावीरस्वामीजी शुभ अशुभ मध्यम शत्र कुवैर वेध अशुभ अशुभ अशुभ 4 वेध कुवर वेध अशुभ सम श्रेष्ठतर | वेध सम अशुभ & 4 वेध अशुभ मध्यम & राशि एकनाथ वर्ण नक्षत्र | पति शुक्र वश्य बिना सिंह व मनुष्य के युजि स्वाती | मध्य तुला वृषभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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