SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 368
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [२९९ मुहूर्तराज ] साधक अक्षर - इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ | साध्यजिन ___ तारा । योनि विशोपक गण | राशि | नाडी | मेष राक्षस साध्यनाम स्वकीय विरुद्ध लभ्य देय वृषभ ] अन्त्य धन | अन्त्यवेधा वानर देव शत्र | भवेध अशुभ अशुभ वेध 3 अशुभ 관 अशुभ श्रेष्ठ वेध अशुभ 최 शुभ | प्रीति | वेध 최 अशुभ सम पाप अशुभ शन कुर वैर वेध 0 १ श्री ऋषभदेवजी | श्री अजितनाथजी ३ | श्री सम्भवनाथजी |श्री अभिनन्दनजी | श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी | श्री शीतलनाथजी श्री श्रेयांसनाथजी | श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी श्री अनन्तनाथजी श्री धर्मनाथजी श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी | श्री नेमिनाथजी |श्री पार्श्वनाथजी २४ | श्री महावीरस्वामीजी राशि पति वृषभ शुभ श्रेष्ठतर शुभ शुभ अशुभ अशुभ वेध 1 अशुभ एकम अशुभ शुभ । वेध अशुभ शुभ अशुभ वेध कुवर अशुभ शुभ अशुभ * प्रीति वेध अशुभ | शुभ वर्ण वश्य एकनाथ तुला नक्षत्र युजि कृत्तिका | पूर्व शुक्र वैश्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy