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मुहूर्तराज ]
[१८५
- वास्तु शास्त्रोक्त नक्षत्रानुसार राशि बोधक सारणी -
क्र.सं.
नक्षत्रनाम
राशि
क्र.सं.
नक्षत्रनाम
राशि
अश्विनी
|
मेष
चित्रा
कन्या
भरणी
स्वाती
तुला
कृत्तिका
विशाखा
तुला
रोहिणी
अनुराधा
वृश्चिक
मृगशिरा
ज्येष्ठा
वृश्चिक
आर्द्रा
पुनर्वसु
पूर्वाषाढ़ा
पुष्य
उत्तराषाढ़ा
धनु
आश्लेषा
श्रवण
मकर
मघा
धनिष्ठा
मकर
पूर्वा फा.
शतभिषक
कुंभ
उत्तरा फा.
पूर्वा भाद्र
कुंभ
* * * *
हस्त
उत्तरा भाद्र
मीन
रेवती
मीन
इस प्रकार काकिणी, दिशानुसार द्वार एवं आयादि के विचार के अनन्तर गृहारंभ में वृष वास्तु चक्र के विषय में निर्देश किया जाता है।
गृहारंभ में वृष वास्तु चक्रफल सहित-(मु.चि.वा.प्र. श्लो. १३ एवं १४)
गेहाधारंभेऽर्कभावत्सशीर्षे, रामैर्दाहो वेदभैः अग्रपादे ।
शून्यं वेदैः पृष्ठपादे स्थिरत्वं, रामैः पृष्ठे श्रीर्युगक्षकुक्षौ ॥ लाभो रामैः पुच्छगैः स्वामिनाशो वेदै :स्वं वामकुक्षौ मुखस्थैः । रामैः पीडा सन्ततं चार्कधिष्ण्यादश्वै रुद्रदिभिरुक्तं ह्यसत्सत् ॥
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