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________________ मुहूर्तराज ] क्र.सं. वार दिशाएँ रवि १ २ ३ 14 کیا ७ १ सोम २ मंगल बुध गुरु शुक्र क्र.सं. समय शनि दिवस रात्रि Jain Education International उत्तर दक्षिण वायव्य आग्नेय १ नैर्ऋत्य ईशान दक्षिण उत्तर (पश्चिम आग्नेय वायव्य १ पश्चिम काल पूर्व पाश पूर्व पूर्व योग काल 1) पाश काल पाश पाश) २ काल पाश काल पाश काल पाश ( באון hohlb वायव्य -कल-पाश-योग-बोधक-सारणी समय योग रात्रि रात्रि ३ समय दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन दिन रात्रि रात्रि दक्षिण रात्रि रात्रि दक्षिण रात्रि रात्रि रात्रि रात्रि दिन रात्रि दिन रात्रि रात्रि रात्रि ४ ४ ईशान ईशान काल पाश पाश काल पाश वायव्य काल पाश काल पाश काल पाश काल पाश काल ५ ५ दिन अथवा रात्रि के अर्धप्रहर तथा दिशाएँ राहुचार पश्चिम दिशाएँ पश्चिम उत्तर दक्षिण For Private & Personal Use Only आग्नेय) पश्चिम पूर्व नैर्ऋत्य ईशान दक्षिण उत्तर आग्नेय वायव्य पश्चिम) ६ کی ६ वार पूर्व शनि आग्नेय रवि आग्नेय सोम अर्धप्रहर दिशा अर्धप्रहर बुध गुरु काल की स्थिति मंगल दाहिनी ओर तथा पाश की स्थिति शुक्र 19 ७ काल पाश की शुभता यात्रा तथा युद्धयात्रा बाईं ओर शुभ दिशा [ ११३ उत्तर उत्तर अर्धप्रहर ८ ८ में दिशा नैऋत्य नैऋत्य www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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