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________________ ८२ [ मुहूर्तराज चन्द्र नक्षत्र निम्नांकित हो तो । -विद्युदादि त्रयोदश उपग्रहदोष बोधक सारणी म्नां | कित → पुन. । उ.षा. पू.भा. उ. मा. चित्रा उ.भा. उ.फो. हस्त शत. पू.षा. | उ.षा. पू.भा. रेवती अनु. | ज्येष्ठा धनि. धनि. अश्वि . सूर्यनक्षत्र चं.न. |चं.न. | चं.न. | चं.न. चं.न. चं.न. | चं.न. |चं.न. | १० | १४ | १५ १९ | २१ । २२ | २३ । २४ । २५ उपग्रह नाम विद्युत | भूकंप | शूल | अशनि | निर्घात | दण्ड उल्का | मोह | निर्घात | कम्प कलिश | परिवेषक पात अश्विनी | मृग. पुन. पुष्य | मघा | चित्रा | स्वाती | ज्येष्ठा मूल | उ.षा. श्रवण | धनि. | धनि. शत. पू.भा. भरणी पुष्य आश्ले. पू.फा. स्वाती विशा. | मूल पू.षा. श्रवण | धनि. | शत. पू.भा. उ.भा. | कृतिका आश्ले. मघा | उ.फा. | विशा अनु. पू.षा. धनि. | | शत. पू. भा. उ.भा. रेवती रोहिणी पुष्य । मघा | पू.फा. | हस्त । अनु. ज्येष्ठा | उ.षा. श्रवण शत. | उ. भा. रेवती अश्विनी | मृगशिरा आश्ले, पू.फा. | | उ.फा. ज्येष्ठा श्रवण धनि. पू.भा. | रेवती अश्वि. भरणी आर्द्रा मघा | स्वाती | मूल पू.षा. धनि. उ.भा. रेवती | अश्वि .| भर. कृतिका पुनर्वसु पू.फा. हस्त | चित्रा | विशा. | शत. अश्नि. भर. कति. रोहिणी उ.फा. | चित्रा | स्वाती उ.षा. श्रवण पू.भा. उ.भा. अश्वि | भर. | रोहि. मृग. आश्लेषा हस्त | स्वाती | विशा. श्रवण उ.भा. रेवती भर. मृग. आर्द्र मघा चित्रा विशा. | अनु. | मूल रेवती |आर्द्रा | पुन. ११ पूर्वाफाल्गुनी | स्वाती अनु. | पू.षा. | शत पू.भा. | अश्वि . भर. मृग. पुन. पुष्य १२उत्तराफाल्गुनी विशा. मूल | उ.षा. पू.भा. | उ.भा. | भर. कृति. मृग. पिन. । पुष्य पुष्य आश्लेषा और अनु. मूल पू.षा. श्रवण | उ.भा. रेवती | कृति. रोहि आर्द्रा पुष्य आश्ले. मघा १४ चित्रा उ.षा. | रेवती अश्वि . | रोहि. | मृग. | पुन. आश्ले. मघा | पू.फा. १५ स्वाती मूल श्रवण शत. अश्वि भर. मृग. | पृष्य | मघा पू. फा. उ.फा. विशाखा पू.षा. श्रवण धनि. पू.भा. | भर कृति. आश्ले मघा | पू.फा. उ.ा. हस्त १७ अनुराधा शत. उ.भा. पन. पुष्य । मघा. | पू.फा. उ .फा. हस्त चित्रा ज्येष्ठा श्रवण | शत. पू.भा. | रेवती | रोहि, मृग पुष्य आश्ले पू.फा. | उ.फा. | हस्त चित्रा स्वाती १९ मूल पू.भा. उ.भा. अश्वि | मृग | आर्द्रा | आश्ले. | मघा उ.फा. | हस्त | चित्रा |स्वाती | विशाखा २०| पूर्वाषाढ़ा | उ.भा. रेवती भर. आर्द्रा | पुन. पू.फा. | हस्त | चित्रा स्वाती | विशा. | अनुराधा उत्तराषाढ़ा पू.भा. अश्वि . कृति. पुन. पुष्य पू.फा. उ.फा. | स्वाती | विशा. अनु. ज्येष्ठा | श्रवण उ.भा. अश्वि . भर. | आश्ले. उ.फा. | हस्त. | हस्त. स्वाती | विशा | अनु ज्येष्ठा | मूल २३/ धनिष्ठा रेवती | भर. - कृति | मृग. आश्ले. मघा | हस्त. चित्रा | विशा. | अनु. ज्येष्ठा | मूल २४ शतभिषा अश्वि. कृति रोहि. | आर्द्रा मघा प.फा. चित्रा | | स्वाती | अनु. ज्येष्ठा |मू ल उ.षा. २५/ पूर्वाभाद्रपद भर. रोहि. | पुन. पू.फा. उ.फा. | स्वाती | विशा. ज्येष्ठा | पू.षा. उ.षा. श्रवण २६/ उत्तराभाद्रपद कृति । मृग. उ.फा. हस्त विशा. अनु. | मूल पू.षा. उ.षा. | श्रवण धनिष्ठा २७. रेवती | रोहि. | आर्द्रा | अनु. | ज्येष्ठा | पू.षा. उ.षा. शतभिषा कृति. रोहि राहि. * FREEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE | EEEEE मृग. | ज्येष्ठा आर्द्रा ज्येष्ठा आद्रा ज्येष्ठा पू.षा. धनि. उ.षा. आर्द्रा आद्रो उ.षा. धनि. कात. धान. शत. भधा पू.षा. मूल | चित्रा श्रवण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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