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________________ गाथा ३६२ ९५० पिण्डनियुक्ति-सूची गाथा ३३७-३४० परग्राम अभ्याहृत का उदाहरण गाथा ३४१-३४२ स्व ग्राम अभ्याहृत का उदाहरण गाथा ३४३ आचीर्ण अभ्याहृत के दो भेद गाथा ३४४ देश और देश-देश की परिभाषा गाथा ३४५ कल्प्य और अकल्प्य आचीर्ण अभ्याहृत गाथा ३४६ आचीर्ण अभ्याहृत के तीन भेद गाथा ३४७ क- उर्भिन्न के दो भेद ख- पिहित के दो भेद गाथा ३४८-३५६ पिहितोद्भिन्न और कपाटोद्भिन्न की व्याख्या और उदाहरण गाथा ३५७ मालापहृत के दो भेद गाथा ३५८-३६२ जघन्य मालापहृत और उत्कृष्ट मालापहृत के उदाहरण गाथा ३६३ मालापहृत के तीन भेद गाथा ३६४ मालापहृत का अपवाद गाथा ३६५ अनुच्चो त्क्षिप्त और उच्चोरिक्षप्त मालापहृत गाथा ३६६ आच्छेद्य के तीन भेद गाथा ३६७-३७० प्रभु आच्छेद्य का उदाहरण गाथा ३७१-३७३ स्वामी आच्छेद्य का उदाहरण गाथा ३७४-३७६ स्तेन आच्छेद्य का उदाहरण गाथा ३७७ अनिसृष्ट के दो भेद गाथा ३७८-३८२ साधारण अनिसृष्ट का उदाहरण गाथा ३८३.३८४ भोजन अनिसृष्ट के दो भेद गाथा ३८५-३८७ कल्प्य और अकल्प्य अनिसृष्ट गाथा ३८८-३८६ अध्यवपूरक के तीन भेद गाथा ३६०-३६१ कल्प्य और अकल्प्य अध्यवपूरक गाथा ३६२ उद्गम के दो भेद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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