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गाथा ६७
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प्रकीर्णक-सूची
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है देवेन्द्रस्तव प्रकीर्णक जिन वन्दना पति द्वारा भ० वर्द्धमान की स्तुति पत्नि का स्तुति श्रवण पति पत्नि की संयुक्त वर्धमान वंदना बत्तीस देवेन्द्रों के सम्बन्ध में पत्नि की जिज्ञासा
बत्तीस देवेन्द्रों के सम्बन्ध में छः प्रश्न क- बत्तीस इन्द्र कौन २ से ? ख- बत्तीस इन्द्रों के रहने स्थान ? ग. बत्तीस इन्द्रों की स्थिति घ- बत्तीस इन्द्रों के अधिकार में भवन या विमान ङ- भवनों और विमानों की लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई, वर्ण
आदि च- बत्तीस इन्द्रों के अवधि ज्ञान का क्षेत्र
भवनवासी देवों का वर्णन ११-१६ बीस भवनेन्द्रों के नाम २०-२७ भवन संख्या २८-३१
भवनेन्द्रों की स्थिति ३२-४२ भवनेन्द्रों के नगर और भवन ४३-४४ त्रायस्त्रिंशक देव, लोकपाल, परिषद और सामानिक देव,
सब इन्द्रों के सामानिक देव (संख्या में) समान हैं ।
भवनेन्द्रों की अग्रमहीषियां ४६-५० भवनेन्द्रों के आवास स्थान ओर उत्पात पर्वत ५१-६५ भवनेन्द्रों का बल-वीर्य
व्यन्तर देवों का वर्णन ६६-६७
आठ प्रकार के व्यन्तर देव
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