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________________ ३० सूत्र ४५ कल्पसूत्र-सूची २६ खुले आकाश के निचे भोजन करने का निषेध पाणिपात्र भिक्षु को वर्षा में भिक्षार्थ जाने का निषेध ३१ क- पात्रधारी भिक्षु भिक्षुणी को अधिक वर्षा में भिक्षार्थ जाने का निषेध ख- पात्रधारी भिक्षु भिक्षुणी को अल्प वर्षा में भिक्षार्थ जाने का विधान वर्षा में ठहरने के स्थान ३३-३५ गृह प्रवेश से पूर्व पक्व आहार के ही लेने का विधान ३६ क- रुक रुक कर वर्षा हो तो भोजन करने की विधि ख- सांयकाल से पूर्व ही उपाश्रय में आने का विधान ३७ रुक रुक कर वर्षा हो तो निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थी को एक स्थान पर रुकने का निषेध निर्ग्रन्थ निर्ग्रन्थी के एकत्र रुकने के अनेक विकल्प ३६ एकत्र रुकने की चत्तभंगी ४०-४१ क- बिना पूछे आहार लाने का निषेध ख- निषेध का हेतु . क- पानी से शरीर गीला हो तो भोजन करने का निषेध ख- गीले रहनेवाले स्थान पानी सूखने पर भोजन करने का विधान ४४ क- आठ सूक्ष्म ख. पाँच पनक पाँच पनक सूक्ष्म ., बीज सूक्ष्म ,, हरित सूक्ष्म ,, पुष्प सूक्ष्म ङ- , अण्ड सूक्ष्म च- , लयन सूक्ष्म Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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