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________________ कल्पसूत्र सूची ११ सूत्र २१८ ख जम्बूद्वीप, भरत, इक्ष्वकुभूमिका, नाभिकुलकर, मरुदेवा भार्या ग- मरुदेवा भार्या की कुक्षि में भगवान की आत्मा का अवतरण २०७ क- भ० ऋषभदेव को तीन ज्ञान ख- मरुदेवा के चौदह स्वप्न २१२ ग- प्रथम स्वप्न वृषभ का घ- नाभि कुलकर द्वारा स्वप्न फल कथन २०८ २०६ २१० भ० ऋषभदेव के पाँच नाम २११ क- भ० ऋषभदेव का कुमार जीवन ख- भ० ऋषभदेव का राज्य काल ग- भ० ऋषभदेव द्वारा कला व शिल्पकर्मों का उपदेश २१३ २१४ २१५ २१६ २१७ २१८ चैत्र कृष्णा अष्टमी को भ० ऋषभदेव का जन्म जन्मोत्सव आदि घ- सो पुत्रों का राज्याभिषेक ङ. लोकान्तिक देवों का आगमन च वर्षीदान छ- चैत्र कृष्णा अष्टमी को चार हजार पुरुषों के साथ भ० ऋषभदेव की अनगार प्रव्रज्या एक हजार वर्ष पश्चात् फाल्गुन कृष्णा एकादशी को पुरिमताल नगर के बाहर शकटमुख उद्यान में न्यग्रोध ( बड़) वृक्ष के नीचे भ० ऋषभदेव को केवलज्ञान भ० ऋषभदेव के गण और गणधर भ० ऋषभदेव के अनुयायी श्रमणों की संख्या भ० ऋषभदेव की अनुयायी श्रमणियों की संख्या के श्रमणोपासकों की संख्या श्रमणोपासकाओं की संख्या चौदह-पूर्वी मुनि Jain Education International "" 77 "1 की के For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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