SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 865
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सूत्र ६२. अनुयोगद्वार-सूची ७६ नैगम-व्यवहार नय से समवतार की व्याख्या अनुगम के नो भेद । क- नैगम-व्यवहार नय से आनुपूर्वी द्रव्यों की सत् पद प्ररूपणा ख- नैगम-व्यवहार नय से अनानुपूर्वी द्रव्यों की सत् पद प्ररूपणा ग- नैगम-व्यवहार नय से अवक्तव्य द्रव्यों की सत् पदप्ररूपणा नैगम-व्यवहार नय से आनुपूर्वी अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों का प्रमाण नैगम-व्यवहार नय से आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों का क्षेत्र प्रमाण नैगम-व्यवहार नय से आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों की क्षेत्र स्पर्शना नैगम-व्यवहार नय से आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों की काल मर्यादा नगम-व्यवहार नय से आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी व अवक्तव्य द्रव्यों का अन्तर काल नंगम-व्यवहार नयसे आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों का शेष द्रव्यों की अपेक्षा परिमाण नैगम-व्यवहार-नय से आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों को छः भावों में विचारणा नंगम-व्यवहार-नय से आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों के देश-प्रदेश और उभय की अल्प-बहुत्व संग्रह नय की अपेक्षा से अनौपधिकी द्रव्यानुपूर्वी के पांच भेद संग्रह नय से आनुपूर्वी-अनानुपूर्वी और अवक्तव्य स्कंध प्रदेशों की अर्थपद प्ररूपणा १२ क- अर्थ-पद प्ररूपणा का प्रयोजन ख- संग्रह नय सप्तभंगी का कथन ग- भंग कथन का प्रयोजन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy