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अ० २० गाथा ५०
उत्तराध्ययन-सूची
क- मृगापुत्र के समान पंडित जनों की भोगों से निवृत्ति ख- मृगापुत्र का वर्णन सुनकर जीवन को प्रशस्त बनाना
बीस वाँ महानिग्रंथीय अध्ययन १ क- सिद्धों और संयतों को नमस्कार
ख- सत्य धर्मकथा सुनने के लिये प्रेरणा २-८ क- मगधाधिप श्रेणिक का मण्डिकुक्ष चैत्य में घूमने के लिये जाना
ख. चैत्य में मुनिदर्शन का होना
ग- मुनि से श्रेणिक के कुछ प्रश्न है मुनि का अपने आपको अनाथ कहना .. १०-११ मुनि के कथन से श्रेणिक को आश्चर्य, नाथ होने के लिये निवेदन १२-१५ क- मुनि ने श्रेणिक को अनाथ कहा
ख- अनाथ कहने से श्रेणिक को आश्चर्य, श्रेणिक ने अपना परिचय
दिया १६-३५ क- मुनि द्वारा स्वयं की अनाथता का दिग्दर्शन
ख- गृहस्थ जीवन में हुई चक्षुशूल की वेदना का वर्णन ग- उपचारों की असफलता घ- अनगार प्रव्रज्या लेने के संकल्प से वेदना की उपशान्ति
ङ- अनगार बनने पर सनाथ होना ३६.३७ सुख दुःख का कर्ता भोक्ता आत्मा
अनाथता के अनेक प्रकार ३८.५० क- श्रमण जीवन में शिथिलाचार
ख- श्रमण होने पर भी भोगासक्ति ग- पाँच समितियों का सम्यक् पालन न करना घ- व्रतभंग, अनियमित जीवन ङ- द्रव्यलिंग-केवल साधुवेश च- असंयत जीवन
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