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अ० ३ गाथा ६
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उत्तराध्ययन-सूची
६-७ (३) शीत परिषह का वर्णन ८-६ (४) उष्ण , १०-११ (५) दंश मशक " १२-१३ (६) अचेल १४-१५ (७) अरति १६-१७ (८) स्त्री १८-१६ (६) चर्या २०-२१ (१०) निषद्या २२-२३ (११) शय्या २४-२५ (१२) आक्रोश २६-२७(१३) वध २८-२६ (१४) याचना । ३०-३१ (१५) अलाभ ३२-३३ (१६) रोग ३४-३५ (१७) तृण स्पर्श ,, ३६-३७ (१८) जल्ल-मल ,, ३८-३६ (१६) सत्कार , ४०-४१ (२०) प्रज्ञा ,, ४२.४३ (२१) अज्ञान , ४४-४५ (२२) दर्शन ,
उपसंहार—परिषह सहने के लिये प्रेरणा तृतीय चातुरङ्गीय अध्ययन
चार अंगों की दुर्लभता २-७ (१) मनुष्य भव की दुर्लभता ८ (२) श्रुति -धर्म श्रवण की दुर्लभता ९ (३) श्रद्धा की दुर्लभता
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