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________________ निरया० सूची ७५० वर्ग ३ अ०३ च. भ० गोतम की चन्द्र के पूर्व भव सम्बन्धी जिज्ञासा छ- भ० महावीर द्वारा समाधान, पूर्वभव वर्णन ज- श्रावस्ती नगरी, कोष्ठक चैत्य झ- अंगती नाम गाथापती का वर्णन अ- भ. पार्श्वनाथ का पदार्पण-धर्म कथा ट- अंगती का धर्म श्रवण, वैराग्य, ज्येष्ठ पुत्र को गृहभार सौंपना अनगार प्रव्रज्या, सयंम साधना, श्रामण्य-विराधना, चन्द्रा वतंसक विमान में उपपात ठ- चन्द्र की स्थिति, च्यवन, महाविदेह में जन्म, वैराग्य, संयम साधना, अंतिम आराधना निर्वाण द्वितीय सूर्य अध्ययन १ क- उत्थानिका-शेष वर्णन चन्द्र अध्ययन के समान ख- विशेष सूर्य का पूर्व भव वर्णन, श्रावस्ती नगर, सुप्रतिष्ठ गाथा पति, भ० पाश्वनाथ के समीप अनगार प्रव्रज्या, श्रामण्यविराधना, सूर्यावतंसक विमान में उपपात और च्यवन ग- महाविदेह में जन्म और निर्वाण तृतीय शुम्भ अध्ययन १ क- उत्थानिका-शेष वर्णन चन्द्र अध्ययन के समान ख- विशेष शुक्र का पूर्वभव वर्णन-- वाराणसी नगरी, सोमिल ब्राह्मण, भ० पार्श्वनाथ का पदार्पण, धर्मकथा ग- सोमिल की जिज्ञासा प्रश्नोत्तर घ- श्रावक धर्म की स्वीकृति ङ- भ० पार्श्वनाथ का वाराणसी के आम्रशाल वन से विहार च- सोमिल का पुनः मिथ्यात्वी होना छ- आम्र आराम-यावत्-पुष्प आराम का निर्माण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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