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________________ निरयावलिकादि पाँच उपांग-विषय सूची प्रथम निरयावलिका वर्ग प्रथम काल अध्ययन १ क- उत्थानिका - राजगृह-गुणशील चैत्य - अशोक वृक्ष ख- आर्य सुधर्मा का समवसरण, धर्मकथा ग- भ० जम्बू की जिज्ञासा उपाङ्गों के सम्बन्ध में भ० महावीर का कथन घ- उपाङ्गों के पांच वर्ग ङ- प्रथम वर्ग के दस अध्ययन च- प्रथम अध्ययन का वर्णन छ- चम्पा नगरी. पूर्ण भद्र चैत्य, श्रेणिक, चेलणा कूणिक राजा. पदमावती देवी. ज- कालीदेवी का पुत्र काल कुमार झ- काल कुमार का रथ मुशल संग्राम में युद्धार्थ गमन ब- काल कुमार के सम्बन्ध में काली देवी के संकल्प ट- भ० महावीर का समवसरण, धर्मदेशना ठ- कालीदेवी की काल कुमार के सम्बन्ध में जिज्ञासा ड- भ० महावीर का समाधान ढ- चेड़ा राजा के बाण प्रहार से काल कुमार की मृत्यु - शोकविह्वल कालीदेवी का स्व-स्थान गमन त- भ० गौतम की जिज्ञासा कालकुमार की मृत्यु के पश्चात् गति ? थ - भ० महावीर द्वारा समाधान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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