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________________ वक्ष० ७ सूत्र १५६ ७२२ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति-सूची ट- " घ- कृष्ण पक्ष के करण १५४ क- आदि संवत्सर ख- आदि अयन ग- आदि ऋतु घ- आदि मास ङ- आदि पक्ष च- आदि अहोरात्र छ- आदि मुहूर्त ज- आदि करण भ- अतर्द नक्षत्र ब. पांच संवत्सर के युग के अयन के ऋतु के मास के पक्ष के अहोरात्र के मुहूर्त योग १५५ क- दश योग नक्षत्र ख- अठावीस नक्षत्र १५६ क- चन्द्र के साथ दक्षिण से योग करने वाले ६ नक्षत्र ख- चन्द्र के साथ उत्तर से योग करने वाले बारह नक्षत्र ग- चन्द्र के साथ दक्षिण और उत्तर से प्रमर्द योग करने वाले सात नक्षत्र घ- चन्द्र के साथ दक्षिण से प्रमर्द योग करने वाले दो नक्षत्र ङ- चन्द्र के साथ सदा प्रमर्द योग करने वाला एक नक्षत्र १५७ नक्षत्रों के देवता १५८ अठावीस नक्षत्रों के तारे १५६ क- अठावीस नक्षत्रों के गोत्र ख- अठावीस नक्षत्रों के संस्थान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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