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________________ वक्ष० ७ सूत्र १३३ ७१७ १२६ प्रत्येक सूर्य मण्डल की दूरी १३० प्रत्येक सूर्य मण्डल का आयाम - १३१ क- मेरु से प्रथम मण्डल की दूरी 11 ख- द्वितीय मण्डल की दूरी 11 ग- मेरु से प्रत्येक सूर्य मण्डल की दूरी अन्तिम सूर्यमण्डल की दूरी " घ ङ अन्तिम सूर्यमण्डल से दूसरे सूर्य मण्डल की दूरी तीसरे च 17 छ- अन्तिम सूर्य मण्डल से प्रत्येक सूर्य मण्डल की दूरी १३२ क- जम्बूद्वीप में प्रथम सूर्यमण्डल का आयाम - विष्कम्भ और परिधि "1 27 ख द्वितीय ग तृतीय अन्तिम घ " ञ - जम्बूद्वीप के अंतिम से द्वितीय मण्डल की दूरी अन्तिम से तृतीय च छ- प्रत्येक सूर्यमण्डल का आयाम - विष्कम्भ-परिधि १३३ क - प्रथम सूर्यमण्डल में एक मुहर्त में सूर्य की गति और सूर्यदर्शन की दूरी का परिमाण Jain Education International 12 म - विष्कम्भ, परिधि और बाहल्य 17 "" 19 जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची - " "> " 77 "" ख- द्वितीय ग- तृतीय "" घ- अन्तिम सूर्यमण्डल में एक मूहूर्त में सूर्य की गति और सूर्यदर्शन " 21 " की दूरी का परिमाण ङ - अन्तिम से द्वितीय में 21 च- अन्तिम सूयमण्डल से तृतीय सूर्य मण्डल में एक मुहूर्त में सूर्य की गति और सूर्य दर्शन का प्रमाण छ- प्रत्येक अयन, मण्डल में एक मुहूर्त में सूर्य की गति और सूर्य दर्शन की दूरी का प्रमाण For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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