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________________ वक्ष ० ४ सूत्र ८२ ६ ६७ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची ज- रोहिता प्रताप कुण्ड का अायाम-विष्कम्भ परिधि और उद्वेध झ- रोहित द्वीप का स्थान आयाम विष्कम्भ परिधि और ऊंचाई अ- पद्मवर वेदिका और वनखण्ड का वर्णन ट- भवन का आयाम-विष्कम्भ ठ- अट्ठावीस हजार नदियों का रोहिता नदी में संगम शेष वर्णन रोहितांशा नदी के समान हरिकान्ता नदी का वर्णन ड- हरिकान्ता नदी का स्थान ढ- जिबिका का परिमाण ण- हरिकान्ता प्रपात कुण्ड का अायाम विष्कम्भ और परिधि त- हरिकान्ता द्वीप का आयाम विष्कम्भ परिधि और ऊचाई शेष वर्णन सिन्धु द्वीप के समान हरिकान्ता नदी में छप्पन हजार नदियों का संगम ८१ क- महा हिमवन्त वर्षधर पर्वत के पाठ कूट ख- कूटों का आयाम-विष्कम्भ ग- महाहिमवन्त देव और उसकी स्थिति क- हरि वर्ष क्षेत्र का स्थान ख- का विष्कम्भ की बाहा का आयाम की जीवा का ,, के धनुपृष्ठ की परिधि च. में सुषमाकाल के समान सदा स्थिति छ- विकटापाती वृत्त वैताड्य पर्वत का स्थान ज. अरुण देव और उसकी स्थिति झ- विकटापाती राजधानी का स्थान अ. हरि वर्ष क्षेत्र नाम होने का हेतु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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