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________________ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची ६८४ वक्ष० २ सूत्र ३५ ड- भ० ऋषभदेव के साथ निर्वाण होने वाले मुनि के निर्वाण काल का तप ढ- , का निर्वाण काल का आसन ण- , का निर्वाणोत्सव । त- भ० ऋषभदेव व अन्य श्रमणों की भस्मि का क्षीरोद समूद्र में प्रक्षेप थ- देवेन्द्रों द्वारा जिन अस्थियों का ग्रहण द- देवेन्द्रों द्वारा तीन चैत्यस्तुपों के निर्माण का आदेश घ- नंदीश्वर द्वीप में अष्टान्हिका निर्वाण महोत्सव न- शकेन्द्र द्वारा पूर्व अंजनक पर्वतपर अष्टान्हिका महोत्सव प- लोकपालों द्वारा चार दधिमुख पर्वतों पर फ- ईशानेन्द्र द्वारा उत्तर के अंजनक पर्वत पर ब- लोकपालों द्वारा चार दधिमुख पवतों पर भ- चमरेन्द्र द्वारा दक्षिण के अंजनक पर्वत पर म- लोकपालों द्वारा चार दधि मुख पर्वतों पर य- बलेन्द्र द्वारा पश्चिम के अंजनक पर्वत पर र- लोकपालों द्वारा चार दधिमुख पर्वतों पर ल- देवेन्द्रों द्वारा सुधर्मा सभा के माणवक चैत्य स्तम्भों में जिन अस्थियों की स्थापना और अर्चना ३४ क- दुषम-सुषमा काल का वर्णन में तीन वंशों की उत्पति में तेवीस तीर्थंकर में इग्यारह चक्रवर्ती मैं नव बलदेव, नव वासुदेव दुषमा काल का वर्णन _ के तीन विभाग ग. के अन्तिम भाग में धर्म-विच्छेद ख- ग- घ- , " " ३५ ख. , Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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