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________________ वक्ष० २ सूत्र १६ ६७६ घ- मूल मध्य और ऊपर की परिधि १ ङ- पद्मवर वेदिका का - वनखण्ड वर्णन यावत् च - प्रसाद की ऊँचाई विष्कम्भ आदि छ- देव वर्णन. राजधानी वर्णन द्वितीय काल वक्षस्कार १८ क - काल के दो भेद ख- अवसर्पिणी काल के ६ भेद ग- उत्सर्पिणी काल के ६ भेद घ- एक मुहूर्त के श्वासोच्छ्वास ङ. स्तोक, लव, मुहूर्त अहोरात्र, पक्ष, मास, ऋतु, अयन, संवत्सर, युग, शतवर्ष, सहस्रवर्ष, लक्षवर्षं, पूर्वांग, पूर्व, यावत् शीर्ष प्रहेलिका प्रमाण च - औपमिक काल १६ क - औपमिक काल के दो भेद ख- पल्योपम प्रमाण ग- परमाणु-यावत्-पल्याप्रमाण घ- सागरोपम प्रमाण (१) सुषम - सुषमा काल का प्रमाण (२) सुषमा (१) सुषम-दुषमा (४) दूषम-सुषमा (५) दुषमा (६) दुषम-दुषमा च- उत्सर्पिणी काल प्रमाण १. परिधि प्रमाण का पाठान्तर. Jain Education International " " 17 जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची 13 "" For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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