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पद ३४,३५ सूत्र २
प्रज्ञापना-सूची
नारक-यावत् देवों का आनुगामिक-यावत्-नो अनवस्थित अवधिज्ञान चतुस्त्रिंशत्तम परिचारणा पद सात अधिकारों के नाम
चौवीस दण्डक में अनन्तराहार-यावत्-विकुर्वणा क- चौवीस दण्डक में-इच्छापूर्वक और अनिच्छापूर्वक आहार ख- चौवीस दण्डक में आहार रूप में गृहीत पुद्गलों का जानना
एवं देखना ग- जानने देखने और न जानने न देखने का हेतु क- चौवीस दण्डक में जीवों के अध्यवसाय ख- चौवीस दण्डक के जीव सम्यक्त्वी-यावत्-सम्यगमिथ्यात्वी
देवों की परिचारणा के भांगे' परिचारणा के पांच भेद पांच प्रकार की परिचारणा के हेतु देवताओं के शुक्र का परिणमन स्पर्श परिचारक देवों के मनका विकल्प देवों में पांच प्रकार की परिचारणा का अल्प-बहुत्व
३
१
पंचविंशत्तम वेदना पद क- तीन प्रकार की वेदना
चौवीस दण्डक में तीन प्रकार की वेदना ख- चार प्रकार की वेदना
चौवीस दण्डक में चार प्रकार की वेदना ग- तीन प्रकार की वेदना
२
१. परिचारणा-मैथुन
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