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________________ प्रज्ञापना-सूची पद १ सूत्र ७६ दो भेद ङ- सूक्ष्म संपराय सराग चारित्रार्यों के च- बादर संपराय सराग चारित्रार्यों के छ- " ७६ क- वीतराग चारित्रार्यों के ख- उपशांत कषाय बीतराग चारित्रार्यों के गघ- क्षीण कषाय वीतराग चारित्रार्यों के ङ- छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्रार्यों के च- स्वयं बुद्ध छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग चारित्रार्यों के दो भेद छज- बुद्ध बोधित छद्मस्थ क्षीण क. वी. चारित्रार्यों के झज- केवली क्षीण कषाय वीतराग चारित्रार्यों के ट- सजोगी केवली क्षीण कषाय वीतराग चारित्रार्यों के दो भेद ड- अजोगी केवली क्षीण क०वी० चारित्रार्यों के पाँच भेद ण- चारित्रार्यों के त- सामयिक चारित्रार्यों के थ- छेदोपस्थापनीय चारित्रार्यों के द- परिहारविशुद्धि चारित्रार्यों के ध- सूक्ष्मसंपराय चारित्रार्यों के न- यथाख्यात चारित्रार्यों के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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