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सूत्र ३३-३४
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राज प्र० सूची
३३ क - उपकारिकालयन मध्यवर्ती मुख्य प्रासाद की ऊँचाई, विष्णु भ
आदि
ख- मुख्य प्रासाद के पाश्र्ववर्ती प्रासादों की ऊँचाई- विष्कम्भावादित ३४ क- मुख्य प्रासाद के उत्तर-पूर्व में सुधर्मा सभा
ख- सुधर्मा सभा का आयाम - विष्कम्भ ऊँचाई, आदि ग- सुधर्म सभा के तीन दिशाओं में तीन द्वार
प्रत्येक द्वार की ऊँचाई और विष्कम्भ
प्रत्येक द्वार के अग्रभाग में एक-एक मुख्य म मुख-मण्डपों का आयाम - विष्कम्भ और ऊँचाई मुख-मण्डपों का आयाम - 1 म - विष्कम्भ और बाई मुख-मण्डपों के तीन तिन दिशाओं में तीन द्वार, द्वारों की ऊँचाई और विष्कम्भ
प्रत्येक द्वार के अग्रभाग में एक-एक प्रेक्षाधर मंडप प्रत्येक प्रेक्षाघर मण्डप के मध्य भाग में एक-एक अखाड़ा प्रत्येक अखाड़े के मध्य भाग में एक-एक मणिपीठिका मणिपीठिकाओं का आयाम - विष्कम्भ और ऊँचाई प्रत्येक मणिपीठिका पर एक-एक सिंहासन
प्रत्येक प्रेक्षाघर मण्डप के अग्रभाग में एक-एक मणिपीठिका प्रत्येक मणिपीठिका का आयाम - विष्कम्भ और बाहल्य
प्रत्येक मणिपीठिका पर एक स्तूप
प्रत्येक स्तूप का आयाम -- विष्कम्भ और ऊँचाई
प्रत्येक स्तूप के चारों दिशाओं में एक-एक मणिपीठिका प्रत्येक मणिपीठिका पर चारों दिशाओं में स्तूपाभिमुख चार
चार जिन प्रतिमाएँ
प्रत्येक स्तूप के सामने एक-एक मणिपीठिका
प्रत्येक मणिपीठिका का आयाम - विष्कम्भ और बाहल्य
प्रत्येक मणिपीठिका पर एक एक चैत्य वृक्ष
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