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________________ अन्तकृद्दशा-सूची ४६४ वर्ग७ अ०४ पंचदशम अतिमुक्त अध्ययन पोलाशपुर नगर, श्रीवन उद्यान, विजय राजा, श्रीदेवी, अतिमुक्त कुमार, भ० महावीर का समवसरण, गोतम गणधर का भिक्षा के लिए जाना, इन्द्र स्थान में अतिमुक्त कुमार का बच्चों के साथ खेलना, गौतम गणधर को देखना, भिक्षा के लिये अन्तः पुर में लेजाना, श्रीदेवी का भिक्षा देना, गौतम गणधर के साथ अतिमुक्त का भ० महावीर के समीप जाना, धर्म श्रवण करना प्रव्रजित होने के लिये आज्ञा प्राप्त करना, वैराग्य की परीक्षा अतिमुक्त का राज्याभिषेक, अतिमुक्तका दीक्षा महोत्सव इग्यारह अंगों का अध्ययन, गुणरत्न तप की आराधना, विपुल गिरि पर निर्वाण षोडष अलक्ष अध्ययन वाराणसी नगरी, काम महावन चैत्य, अलक्ष राजा, भ० महावीर का समवसरण. प्रवचन. अलक्ष राजा को वैराग्य. ज्येष्ठपुत्र को राज्य देकर दीक्षा लेनाः इग्यारह अंगों का अध्ययन-यावत्- विपुलगिरि पर निर्वाण सप्तम वर्ग प्रथम नंदा अध्ययन १५- क- उत्थानिका-- राजगृह, गुणशील चैत्य, श्रेणिक राजा, नंदारानी भ० महावीर का समवसरण. प्रवचन. नंदादेवी को वैराग्य. प्रव्रज्या. इग्यारह अंगों का अध्ययन, बीस वर्ष का श्रमणी जीवन, सिद्ध गति द्वितीय नंदमती अध्ययन तृतीय नंदोत्तरा चतुर्थ नन्दश्रेणिका , Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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