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अन्तकृद्दशा-सूची
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वर्ग ३ अ०६
ङ- देवकी महारानी का आर्तध्यान. श्रीकृष्ण का आश्वासन च- श्री कृष्ण का अपमभक्त तप. हरिणगवेषी देव का आराधन छ- हरिणगवेषी का आश्वासन ज- गजसुकुमार का जन्म. नामकरण झ- चार वेदों का पारंगत सोमिल ब्राह्मण. सोमश्री ब्राह्मणी. सोमा
पुत्री
ज- सोमा की कन्दुक क्रीडा ट- भ० अरिहनेमी का समवसरण. प्रवचन ठ- श्रीकृष्ण के साथ गजसुकुमार का गमन ण- गजसूकूमार का वैराग्य. श्रीकृष्ण द्वारा गजसूकुमार का राज्या
भिषेक त- गज सुकुमार की प्रबज्या, एक रात्रि की महापडिमा का आरा, . धन. सोमिलद्वारा उपसर्ग. निर्वाण. देवताओं द्वारा देहसंस्कार.
केवलज्ञान तथा निर्वाण का महोत्सव थ- भगवत्वंदना के लिये श्रीकृष्ण का निर्गमन. मार्ग में एक वृद्ध
पुरुष पर अनुकम्पा करना एवं सहयोग देना. द- गजसुकुमार के लिए भगवान से प्रश्न. भगवान का यथार्थ
कथन. भातृघातक की जिज्ञासा. भगवान द्वारा संकेत ... ध- वियोग व्यथित श्री कृष्ण का रथ्याओं में होकर स्वस्थान गमन
करते हुए सोमिल को देखना, सोमिल की मृत्यु, भूमि का परिमार्जन
नवम सुमुख अध्ययन . ७ क- उत्थानिका-द्वारिका नगरी. बलदेव राजा. धारिणी रानी. सुमुख
कुमार. पचास कन्याओं के साथ पाणिग्रहण. दहेज ख- भ० अरिनेमी का समवसरण, प्रवचन, सुमुख कुमार को
वैराग्य. प्रव्रज्या. बीस वर्ष का साधुजीवन. शत्रुञ्जय पर्वत पर अंतिम साधना. सिद्धपद की प्राप्ति
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