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________________ उपासक दशा-सूची ११० १११ ११२ ११३-११५ ११६ ११७ ११८ ११ १२२ १२३ १२४ १२०-१२१ क- कामदेव के सम्बन्ध में गौतम स्वामी जिज्ञासा ख- भ० महावीर का समाधान १२८-१३० १३१-१३४ ४७४ कामदेव द्वारा निरूपसर्ग प्रतिमा की पूर्ति भ० महावीर के समवसरण कामदेव का दर्शनार्थ जाना भ० महावीर द्वारा धर्मकथा, कामदेव की प्रशंसा. निग्रंथ निग्रंथियों को उपसर्ग के समय कामदेव के समान दृढ रहने के लिए प्रेरणा भ० महावीर से कामदेव के कुछ (अज्ञात) प्रश्न भ० महावीर का विहार अ०३ सू०१३४* कामदेव द्वारा इग्यारह उपासक प्रतिमाओं की आराधना कामदेव का बीस वर्ष का श्रमणोपासक जीवन, एक मास की संलेखना, अरुणाभ विमान में उपपात, चार पल्योपम की स्थिति Jain Education International तृतीय चुलिनी पिता अध्ययन प्रथम उद्देशक उत्थानिका - वाराणसी नगरी, कोष्ठक चैत्य जितशत्रु राजा क- चुलिनी पिता. श्यामा भार्या. सम्पति के तीन विभाग, आठ व्रज ख- भ० महावीर का समवसरण द्वादश व्रत ग्रहण कुटुम्ब से से विरक्ति. आराधना देव का उपसर्ग, चुलिनी पिता की दृढता, ज्येष्ठपुत्र को मारने की धमकी ज्येष्ठपुत्र के वध का दृश्य. चुलिनी पिता की दृढता देव द्वारा माता के प्राणहरण की धमकी से चुलिनी For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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