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________________ भगवती-सूची ४२६ श०४० उ०५ प्र०१ प द्वादश बेइन्द्रिय महाग्युम शतक नव उद्देशक कापोत लेश्य अभवसिद्धिक कृतयुग्म बेइन्द्रियों का वर्णन सैंतीसवाँ शतक अवान्तर द्वादश शतक एक सो चौबीस उद्देशक कृतयुग्म २ प्रमाण त्रीन्द्रियों के उत्पाद का वर्णन अडतीसवाँ शतक अवान्तर द्वादश शतक एक सो चौबीस उद्देशक कृतयुग्म २ प्रमाण चतुरिन्द्रियों के उत्पाद का वर्णन उनचालीसवाँ शतक अवान्तर द्वादश शतक एक सो चौबीस उद्देशक १ कृतयुग्म २ प्रमाण असंज्ञी पंचेन्द्रियों के उपपात का वर्णन चालीसवाँ शतक अवान्तर इकवीस संज्ञी पंचेन्द्रिय महग्युम शतक प्रथम संज्ञी महायुग्म शतक इग्यारह उद्देशक १ कृष्णलेश्य संजी पंचेन्द्रिय महायुग्म का उत्पाद तृतीय संज्ञी महायुग्म शतक इग्यारह उद्देशक १ नीललेश्य संज्ञी पंचेन्द्रिय महायुग्मों का उत्पाद चतुर्थ संज्ञी महायुग्म शतक इग्यारह उद्देशक १ कापोतलेश्य संज्ञी पंचेन्द्रिय महायुग्मों का उत्पाद पंचम संज्ञी महायुग्म शतक उद्देशकइग्यारह १ तेजस्लेश्य संज्ञी पंचेन्द्रिय महायुग्मों का उत्पाद Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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