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श०३४ उ०१ प्र०३२
भगवती-सूची अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकाय की बादर तेजस्कायिक रूप में विग्रह गति पर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीवों का उपपात अपर्याप्त बादर तेजस्कायिक जीवों का उपपात
पर्याप्त बादर वनस्पतिकायिक जीवों का उपपात १० अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीवों का उपपात ११-१३ अपर्याप्त सूक्ष्म एकेन्द्रिय का पूर्वचरमान्त से पश्चिम चरमान्त
में उपपात १४ क- अपर्याप्त मूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीवों की विग्रह गति
ख- तीन अथवा चार समय की विग्रह गति होने का कारण १५-१६ अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीवों के विग्रह गति के समय
अपर्याप्त बादर तेजस्काय की विग्रह गति अपर्याप्त बादर तेजस्कायिक जीव पर्याप्त सूक्ष्म तेजस्कायिक
रूप में उत्पन्न हो तो विग्रह गति के समय १६ अपर्याप्त बादर तेजस्कायिक की विग्रह गति २०-२१
अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीव की उर्दू लोक से अधोलोक
में विग्रह गति २२ क- लोक के पूर्व चरमान्त में पृथ्वीकायिक जीव की विग्रह गति
ख- विग्रह गति का कारण २३-२४ अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक का उपपात २५-२६ लोक के पूर्व चरमान्त से पश्चिम चरमान्त की विग्रह गति
बादर एकेन्द्रियों के स्थान अपर्याप्त एकेन्द्रियों की कर्म प्रकृतियां अपर्याप्त एकेन्द्रियों का कर्म बन्ध एकेन्द्रियों के कर्म वेदन एकेन्द्रियों का उपपात एकेन्द्रियों के समुद्घात
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