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श्रु०१, अ०३, उ०४ सू०१२६
१५
आचारांग-सूची
मोक्ष
दुःख
ख
२ जीवका अतीत और भविष्य अचिन्त्य है । ३ जीव का अतीत और भविष्य समान है । ४ सर्वज्ञ का मत
अनासक्ति संयम-कच्छप का उदाहरण
आत्मा की मित्रता ११६ क
आत्मदान सत्य (मार-संसार)
श्रेय-मोक्ष १२०
प्रमाद १२१ क
प्रपंचमुक्त मुनि सूत्र संख्या ६
चतुर्थ कषाय-वमन उद्देशक १२२ कषाय-वमन १२३ ज्ञान (अणु-संसार) १२४ क- प्रमत्त को भय, अप्रमत्त को अभय
कर्म (मोह) क्षय-उपशम मोक्ष (लोक-संयोग)
संयम मोक्ष-महायान १२५ क- कर्म (एक का क्षय होने पर सबका क्षय)
आज्ञा लोक ज्ञान (आज्ञा)
हिंसा (शस्त्र-संयम) १२६ क- कषाय का ज्ञान
कर्म-उपाधि (सर्वज्ञ) सूत्र संख्या
ख
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