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आचारोग-सूची
१४ श्रु०१, अ०३, उ०३ सू०११८ ____ उपरत मेधावी-कर्मक्षय ११४ क- परिग्रह
हिंसा (चलनी को पानी से भरने का उदाहरण) ११५ क- मृषावाद-निषेध
असार भोग जन्म-मरण अहिंसा भोग निन्दा (स्त्री-विरति) सम्यक्त्व कषाय-विजय (हिंसा) शोक
परिग्रह और शोक का त्याग अ- अहिंसा का उपदेश सूत्र संख्या ४
ततीय अक्रिया उद्देशक अप्रमाद का उपदेश अहिंसा (ममत्व) विचिकित्मा (मुनि) समभाव अप्रमाद आत्मगुप्त यावन्मात्रा रूप-विरक्ति
गति-आगति ११८ क- अन्य तीथियों की मान्यताएँ
१ पूर्व भव की विस्मृति और परभव की कोई संभावना नहीं
११६ क
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