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"भगवती-सूची
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श०१८ उ०७ प्र०६६
ख- अन्यतीर्थिक
अन्य तीर्थिक की मान्यता यक्षाविष्ट केवली की मृषा एवं मिश्र भाषा भ० महावीर की मान्यता केवली यक्षाविष्ट नहीं होता
केवली की सत्य और असत्यामृषा भाषा ५२ उपधि
तीन प्रकार की उपधि ५३ चौबीस दण्डक में तीन प्रकार की उपधि ५४ क- तीन प्रकार की उपधि .. ख- चौवीस दण्डक में तीन प्रकार की उपधि
परिग्रह ५५ तीन प्रकार का परिग्रह
५६ चौवीस दण्डक में तीन प्रकार का परिग्रह ५७-६० क- तीन प्रकार के प्रणिधान
ख- चौवीस दण्डक में तीन प्रकार के प्रणिधान ६१ क- तीन प्रकार के दुष्प्रणिधान
ख- चौवीस दण्डक में तीन प्रकार के दुष्प्रणिधान ६२-६३ क-तीन प्रकार का सुप्रणिधान ।
ख- सोलह दण्डक में तीन प्रकार का सुप्रणिधान ६४-६५ क- राजगृह, गुणशील चैत्य
ख- अन्यतीर्थिक-~मद्रुक श्रमणोपासक भ० महावीर का पदार्पण, मद्रुक का भ० महावीर की बंदना के लिये जाना, मार्ग में मद्रुक से अन्य
तीथिकों का अस्तिकाय के संबंध में प्रश्न ग- अन्य तीथिकों से मद्रुक के प्रतिप्रश्न ६६ मद्रुक के यथार्थ उत्तर के प्रति भ० महावीर का साधुवाद
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