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'भगवती-सूची
श०१६ उ०१ प्र०७ महाविदेह में जन्म और मुक्ति ४७ क- विमल वाहन का भव भ्रमण ख- जम्बूद्वीप, भरत, विंध्याचल पर्वत, बेभेल ग्राम में ब्राह्मण कन्या
के रूप में जन्म मरण के पश्चात् अग्निकुमार देव होना पुनः
भवभ्रमण '४८-४६ महाविदेह में जन्म और निर्वाण
सोलहवाँ शतक
प्रथम अधिकरण उद्देशक १ क- वायुकाय की उत्पत्ति और मरण
ख- वायुकाय के जीव का शरीर सहित भवान्तर - २ क- इंगाल कारिका (सगड़ी) में अग्निकाय की जघन्य-उत्कृष्ट
स्थिति ख- इंगाल कारिका में वायुकायिक जीवों की उत्पत्ति
क्रिया विचार ३ क- तप्तलोहे को ऊंचा-नीचा करने में लगनेवाली क्रियायें ख- लोह भट्ठी, संडासा, घण, हथोड़ा, एरण अंगार आदि जिन
जीवों के शरीरों से बने हैं उन जीवों को लगनेवाली क्रियाएँ ४ क- तप्तलोहे को एरण पर रखने से लगनेवाली क्रियाएं ख- लोह, संडासा, धन, हथोड़ा, एरण, एरणकाष्ठ, द्रोणी और
अधिकरण शाला आदि जिन जीवों के शरीरों से बने हैं उन
जीवों को लगनेवाली क्रियाएं ५ क- अधिकरण-हिंसा
जीव अधिकरणी (हिंसा का हेतु) और अधिकरण ख- अधिकरणी और अधिकरण कहने का हेतु ६ चौबीस दण्डक के जीव अधिकरणी और अधिकरण ७ क- अविरति की अपेक्षा जीव साधिकरणी
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