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श०१३ उ०५-६ प्र०१
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भगवती-सूची ७८-७६ एक स्थावर जीव के स्थान में अन्य स्थावर जीवों का अस्तित्व ८० क- प्रत्येक अस्तिकाय के स्थान में एक पुरुष का बैठना-उठना
असम्भव ख- कूटागार शाला का उदाहरण
लोक वर्णन ८१ क- लोक का समभाग
ख- लोक का संक्षिप्त भाग
लोक का वक्रभाग लोक का संस्थान तीनों लोक की अल्प-बहुत्व पंचम आहार उद्देशक नेरयिक अचित्ताहारी है षष्ठ उपपात उद्देशक क- राजगृह ख- नैरयिक सान्तर और निरन्तर उत्पन्न होते हैं क- असुरेन्द्र के चमरचंच आवास की दूरी ख- चमरचंच आवास का आयाम-विष्कम्भ ग- चमरचंच आवास के प्राकार की ऊंचाई क- मनुष्यलोक में चार प्रकार के लयन ख- चमरचंच आवास केवल क्रीड़ाघर है
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राजा उदायन क- चम्पा नगरी, पूणभद्र चैत्य, भ० महावीर ख- सिन्धु सौवीरदेश (सोलह देश) बीतिभय नगर (१६० नगर)
मृगवन उद्यान, उदायन राजा, प्रभावती रानी, अभीचीकुमार.
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