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श० ७ उ० २ प्र० ३०
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भगवती-सूची १२ कर्मरहित की गति के सम्बंध में मृतिका से लिप्त तुम्बे का
उदाहरण
कर्म रहित की गति के सम्बंध में पकी हुई फलियों का उदाहरण १४ कर्मरहित की गति के सम्बंध में धूम का उदाहरण १५ कर्म रहित की गति के संबंध में धनुष-बाण का उदाहरण
दुःखी और दुःख १६-१७ दुःखी ही दुःख से युक्त है
क- चौवीस दण्ड के दुःखी जीव ही दुःख से युक्त हैं ख- दु:ख के संबंध में पांच विकल्प
क्रिया विचार १८ अणगार की इरियावही क्रिया
श्रमण का श्राहार अंगार, धूम और संयोजना दोषों की व्याख्या दोषरहित आहार क्षेत्रातिक्रान्त आदि सदोष आहार शस्त्रातीत शस्त्रपरिणत आदि आहार के विशेषणों की व्याख्या द्वितीय विरति उद्देशक प्रत्याख्यान सुप्रत्याख्यान और दुष्प्रत्याख्यान की विचारणा दो प्रकार के प्रत्याख्यान मूल गुण प्रत्याख्यान दो प्रकार का सर्व मूल गुण प्रत्याख्यान पांच प्रकार का
देश मूल गुण प्रत्याख्यान पाँच प्रकार का २८ उत्तरगुण प्रत्याख्यान दो प्रकार का २६ सर्व उत्तरगुण प्रत्याख्यान दश प्रकार का
देश उत्तरगुण प्रत्याख्यान दश प्रकार का
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